प्रमुख इतिहासकार मधुसुदन होल्कर ने कहा कि पूज्यमाता अहिल्या बाई होल्कर अहमदनगर जिले के गांव चौंडीपुर से मराठा मनकोजीं शिंदे की सुपुत्री थी। जिसकी शादी श्रीमंत मल्हार राव होल्कर के सुपुत्र खांडे राव होल्कर जी के साथ हुई और पानीपत की तीसरी लड़ाई में धनगरमराठा समाज के अनेक योद्धाओं ने देश की एकता और अखंड़ता के लिए मराठा सेना के साथ शहादत दी थी और जो टुकड़ी उस युद्ध में बच गई वो भी मराठा सेना के साथ साथ अब्दाली की सेना के आने से पहले कुरूक्षेत्र के ढ़ाक के जंगलों में बस गई और यही कारण है कि जहां जहां रोड़मराठों के गांव हैं। वहां वहां धनगर समाज व रोड़मराठा समाज का बसेरा मिलता है। उन्होंने कहा कि धनगर समाज का बसेरा ही नहीं बल्कि दोनों समाजों के रीति रिवाज भी मिलते हैं।
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